सरकारी पूंजीगत निवेश में वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में होगी मजबूत रिकवरी
केंद्र सरकार के पूंजीगत खर्च में वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में मजबूत रिकवरी होने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में बताया कि रक्षा, सड़क और संचार में होने वाले पूंजीगत खर्च में तेज उछाल देखने को मिल सकता है। हालांकि, रेलवे पूरे वर्ष की तुलना में पूंजीगत व्यय में आगे है।
रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 25 के बाकी बचे महीनों में सालाना आधार वृद्धि अधिक प्रभावशाली दिखाई देगी, क्योंकि वित्त वर्ष 2024 में अग्रिम व्यय समान अवधि में बजटीय पूंजीगत व्यय का 52 प्रतिशत था।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में पूंजीगत व्यय धीमा रहा था। इसका कारण चुनाव और मानसूनी वर्षा का होना था।
रिपोर्ट में कहा गया, "वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में मजबूत रिकवरी होने की उम्मीद है। कई परियोजनाओं के लिए बोली लगाई जा रही है और क्रियान्वयन में तेजी आने की संभावना है।"
इससे पहले एक अन्य रिपोर्ट में जेफरीज द्वारा कहा गया था कि सरकार वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही (अक्टूबर से मार्च) में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले पूंजीगत व्यय 25 प्रतिशत बढ़ा सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया कि राज्यों में लोक लुभावन योजनाओं में वृद्धि हुई है। ऐसे में केंद्र सरकार इस स्थिति को बैलेंस करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर निवेश बढ़ाएगी, जिससे वृद्धि दर को सहारा मिले और अधिक नौकरियां पैदा हो।
रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई कि केंद्र सरकार का कुल व्यय, जिसमें सामाजिक कल्याण योजनाओं पर आवंटन शामिल है, 2024-25 की दूसरी छमाही में सालाना आधार लगभग 15 प्रतिशत बढ़ेगा।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत की जीडीपी ग्रोथ में वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च) में सुधार आ सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दिसंबर मौद्रिक नीति के मुताबिक वित्त वर्ष 25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रह सकती है।