ऑनलाइन फार्मेसी सेक्टर की राजस्व वृद्धि अगले वर्ष स्थिर रहने का अनुमान
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में ऑनलाइन फार्मेसी सेक्टर में अगले वित्त वर्ष में स्थिर राजस्व वृद्धि देखने को मिलेगी, जिससे परिचालन घाटा वित्त वर्ष 2023 में 30 प्रतिशत से कम होकर 10 प्रतिशत से नीचे आ जाएगा।
ऐसा हाई मार्जिन वाले प्रोडक्ट सेगमेंट और परिचालन दक्षताओं पर ध्यान केंद्रित कर किया जाएगा।
ई-फार्मेसियां वेलनेस प्रोडक्ट और मेडिकल इक्विप्मेंट जैसे हाई-मार्जिन सेगमेंट में विविधता लाकर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की ओर रुख कर रही हैं, जिनकी बिक्री में अगले वित्त वर्ष में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने की उम्मीद है, जो अभी लगभग 30 प्रतिशत है और वित्त वर्ष 2023 में 15 प्रतिशत से कम है।
क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक पूनम उपाध्याय ने कहा, "प्लेयर्स प्रमुख परिचालन लागत ( छूट, डिलीवरी, डिस्ट्रीब्यूशन और कर्मचारी - या डीडीडीई) को वित्त वर्ष 2023 में लगभग 65 प्रतिशत से घटाकर अगले वित्त वर्ष में 35 प्रतिशत से कम करने के लिए भारी डिस्काउंट से दूर जा रहे हैं, जिससे घाटे को कम करने और लाभ बढ़ाने में तेजी लाने में मदद मिलेगी।"
जबकि इस सेक्टर में स्थिर राजस्व वृद्धि देखी जाएगी, समय पर इक्विटी फंडिंग हासिल करना कम पैठ से उत्पन्न होने वाले विकास के अवसरों को अधिकतम करने के लिए आवश्यक पूंजी को सुरक्षित करने के लिए जरूरी होगा।
इसके अलावा, विस्तार चरण के दौरान क्रेडिट प्रोफाइल को सपोर्ट करते हुए नकदी की खपत को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए भी इक्विटी फंडिंग को समय पर हासिल करना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, ई-फार्मेसी सेक्टर अभी शुरुआती विकास चरण में है और टेक्नोलॉजी, बड़ी इन्वेंट्री और सप्लाई चेन की अक्षमताओं में उच्च प्रारंभिक निवेश के कारण परिचालन घाटे का सामना कर रहा है।
ऐसे बाजार जिसमें जिसमें कोई एक इकाई उद्योग पर हावी नहीं होती, में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मार्केटिंग और छूट पर भी काफी खर्च करना पड़ता है, जिससे ग्राहक अधिग्रहण की लागत बढ़ जाती है।
क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर नरेन कार्तिक के ने कहा कि चल रहे परिचालन घाटे से प्रमोटरों, निजी इक्विटी निवेशकों और उद्यम पूंजीपतियों से निरंतर समर्थन की आवश्यकता को दिखाते हैं, क्योंकि बैंक फंडिंग कार्यशील पूंजी तक सीमित होगी।
उन्होंने कहा, "ई-फार्मेसियां परिचालन का विस्तार कर रही हैं और घाटे को कम करने का लक्ष्य बना रही हैं, इसलिए उन्हें अभी भी नकद घाटा होगा और उन्हें इस और अगले वित्त वर्ष में 2,300 करोड़ रुपये के अतिरिक्त इक्विटी फंड की आवश्यकता होगी, जबकि वित्त वर्ष 2020 से अब तक 9,200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सुरक्षित की जा चुकी है।"