भारत में आर्थिक गतिविधियां की विकास दर अक्टूबर में 8 महीने के उच्चतम स्तर पर रही
भारत की आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि दर अक्टूबर में आठ महीने के उच्चतम स्तर 10.1 प्रतिशत पर रही, जो कि सितंबर में 6.6 प्रतिशत थी। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट में बताया गया कि वृद्धि दर में बढ़त की वजह मानसून समाप्त होने के कारण खनन और बिजली उत्पादन सेक्टर में तेजी, फेस्टिव सीजन में रेफ्रिजरेटर, ईंधन की खपत, वाहनों का पंजीकरण, एयर ट्रैवल और निर्यात में बढ़ोतरी होना है।
रिपोर्ट में कहा गया कि नवंबर के शुरुआती आंकड़े उत्साहजनक प्रतीत होते हैं, जिसमें आधार-प्रभाव के कारण बिजली की मांग में वृद्धि और वाहन पंजीकरण में हुई त्योहारी वृद्धि शामिल है।
आर्थिक गतिविधि में वृद्धि 16 संकेतकों में से 10 में सुधार के कारण हुई है। आईसीआरए के 'बिजनेस एक्टिविटी मॉनिटर' में अक्टूबर में मासिक आधार पर 9.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अक्टूबर 2023 में देखी गई 6.5 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है, जो आंशिक रूप से त्योहारी सीजन की जल्दी शुरुआत के कारण हुआ।
वाहन पोर्टल के डेटा के मुताबिक, 1 से 18 नवंबर के बीच प्रतिदिन औसत 1,08,400 वाहनों का पंजीकरण हुआ है, जो कि नवंबर 2023 के प्रतिदिन औसत पंजीकरण 96,400 यूनिट (पिछला उच्चतम स्तर) और अक्टूबर 2024 के प्रतिदिन औसत पंजीकरण 92,000 यूनिट से अधिक है।
13 नवंबर को समाप्त हुए त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने के कारण पंजीकरण की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है।
आईसीआरए का मानना है कि महीने के अंत तक दैनिक औसत पंजीकरण सामान्य हो जाएगा।
इसके अलावा, 1-17 नवंबर के दौरान बिजली की मांग में वृद्धि दर अक्टूबर के 1.1 प्रतिशत से बढ़कर 3.2 प्रतिशत हो गई।
इसके अतिरिक्त गैर-तेल निर्यात में वृद्धि दर बढ़कर 25.6 प्रतिशत हो गई है, जो कि सितंबर 2024 में 6.8 प्रतिशत थी। इसकी वजह इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग गुड्स, केमिकल और रेडीमेड गारमेंट्स के निर्यात में बढ़ोतरी होना है।