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2025-12-26 04:51:01 pm | Source: आईएएनएस
भारतीय शहरों में बिक्री किए गए घरों की वैल्यू 2025 में 6 प्रतिशत बढ़ी
भारतीय शहरों में बिक्री किए गए घरों की वैल्यू 2025 में 6 प्रतिशत बढ़ी

भारत में 2025 में बिक्री किए गए घरों की वैल्यू शीर्ष सात शहरों में 6 प्रतिशत बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है, जो कि पहले 5.68 लाख करोड़ रुपए थी। यह जानकारी शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में दी गई।  

रियल एस्टेट सर्विसेज फर्म एनारॉक की रिपोर्ट में कहा गया कि 2025 में देश में कुल बिक्री किए गए घरों की मात्रा 14 प्रतिशत कम होकर 3,95,625 यूनिट्स हो गई है, जो कि 2024 में 4,59,645 यूनिट्स थी। इसकी वजह प्रॉपर्टी की अधिक कीमतें, आईटी सेक्टर में छंटनी और भू-राजनीतिक तनाव और कम मांग का होना है। 

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में सबसे अधिक लगभग 1,27,875 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की गई, जो सालाना आधार पर 18 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है, जबकि पुणे में लगभग 65,135 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो कि सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है।

इन दोनों बाजारों ने मिलकर 2025 में आवासीय बिक्री में अग्रणी स्थान हासिल किया, जो कुल बिक्री का 49 प्रतिशत है। चेन्नई एकमात्र ऐसा शहर था जहां बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई, जो 15 प्रतिशत बढ़कर लगभग 22,180 यूनिट्स तक पहुंच गई।

एनारॉक समूह के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा,“वर्ष 2025 भू-राजनीतिक उथल-पुथल, आईटी क्षेत्र में छंटनी, टैरिफ संबंधी तनाव और अन्य अनिश्चितताओं सहित व्यापक उथल-पुथल से भरा रहा है। ” 

उन्होंने आगे कहा, “शीर्ष 7 शहरों में बिक्री की मात्रा लगभग 4 लाख इकाइयों पर स्थिर रही, लेकिन कुल बिक्री मूल्य में वृद्धि हुई। नई आपूर्ति का 21 प्रतिशत से अधिक हिस्सा 2.5 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य वर्ग में लॉन्च किया गया।”

रिपोर्ट के अनुसार, सात शहरों में आवासीय घरों की औसत कीमत लगभग 8 प्रतिशत बढ़कर लगभग 9,260 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में 23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कीमत लगभग 9,300 रुपए प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई। यह वृद्धि मुख्य रूप से महंगे घरों की नई आपूर्ति में वृद्धि के कारण हुई।

एनसीआर में इस वर्ष कुल 61,775 नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति में से 55 प्रतिशत से अधिक इकाइयों की कीमत 2.5 करोड़ रुपए से अधिक थी।

दिलचस्प बात यह है कि आवासीय संपत्तियों की औसत मूल्य वृद्धि दर पिछले वर्षों के दो अंकों से घटकर 2025 में एकल अंक पर आ गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रेपो दरों में कटौती से 2026 में होम लोन की ब्याज दरों में कमी आने से मांग में मजबूत वृद्धि हो सकती है।

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