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2025-11-25 12:38:51 pm | Source: आईएएनएस
भारत दक्षिण कोरिया के साथ शिपबिल्डिंग और मैरीटाइम पार्टनरशिप को मजबूत करना चाहता है : सर्बानंद सोनोवाल
भारत दक्षिण कोरिया के साथ शिपबिल्डिंग और मैरीटाइम पार्टनरशिप को मजबूत करना चाहता है : सर्बानंद सोनोवाल

 केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को 2047 तक भारत के दुनिया के टॉप 6 शिपबिल्डिंग देशों में शामिल होने के लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत अपनी शिपबिल्डिंग क्षमताओं को बढ़ाने और मैरीटाइम सिक्योरिटी को मजबूत करने में साउथ कोरिया को एक मजबूत पार्टनर के रूप में देखता है।


 

योनहाप न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में, केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा कि देश 2047 तक विकसित भारत बनने की राह पर अग्रसर है और साउथ कोरिया का तेज आर्थिक बदलाव भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय बन सकता है। भारत का उद्देश्य आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर एक विकसित राष्ट्र बनना है।

मैरीटाइम उद्देश्यों के साथ भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 शिपबिल्डिंग राष्ट्रों में शामिल होना चाहता है और 2047 तक अपनी जगह दुनिया के टॉप 5 देशों में बनाना चाहता है। सरकार आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ते हुए अपने कमर्शियल फ्लीट को 1500 से बढ़ाकर 2500 करना चाहती है और साथ ही पहल में 24 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना पर काम कर रही है।

योनआप रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साउथ कोरिया की एडवांस्ड शिपबिल्डिंग टेक्नोलॉजी और भरोसेमंद और हाई-क्वालिटी स्पेसिफिकेशन के साथ बिल्डिंग कोरिया को भारत का एक महत्वपूर्ण पार्टनर बनाती है। 

उन्होंने कहा कि कोरिया की सफलता दिखाती है कि कैसे टारगेटेड इंसेंटिव, सरकार-इंडस्ट्री-एकेडेमिया के टाय-अप से लगातार इनोवेशन से क्षमताओं को तेजी से बढ़ाया जा सकता है।

इस वर्ष जुलाई में एचडी हुंडई ने शिपबिल्डिंग में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत की सरकारी कंपनी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के साथ एक पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। इसी के साथ यह पहली बार है जब कोई साउथ कोरिया की शिपबिल्डर ने भारतीय कंपनी के साथ इस तरह की पार्टनरशिप की है। 

इस पर केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच शिपबिल्डिंग कोऑपरेशन से दोनों पक्षों को लाभ होगा।

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल के अनुसार, "भारत के लिए कोरिया एक स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर और कैपेबिलिटी पार्टनर हो सकता है, जो देश को कटिंग-एज शिप डिजाइन, प्रोडक्शन प्रॉसेस, ऑटोमेशन, ग्रीन शिप टेक्नोलॉजी और ग्लोबल क्वालिटी स्टैडंर्ड को अपनाने में मदद करेगा।"

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