भारत संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापारिक साझेदारी के लिए कर रहा अन्य देशों से बातचीत : पीयूष गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण बदलाव आया है और अब वह मजबूत स्थिति से बातचीत करता है, जो मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) और अन्य व्यापारिक व्यवस्थाओं के प्रति भारत के दृष्टिकोण के संदर्भ में देश के बढ़ते आर्थिक आत्मविश्वास और वैश्विक कद को दर्शाता है।
राष्ट्रीय राजधानी में एसोचैम के वार्षिक सम्मेलन और 105वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि देश अब मुख्य रूप से उन देशों के साथ जुड़ रहा है जो भारत के प्रतिस्पर्धी नहीं हैं और यह सुनिश्चित कर रहा है कि व्यापार साझेदारी संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी हो।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे दिन अब बीत गए जब भारत अपनी ताकत को पहचाने बिना असंतुलित मुक्त व्यापार समझौते करता था।
उन्होंने कहा कि यह रणनीतिक दृष्टिकोण भारत को अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करने, निर्यात को बढ़ावा देने और निवेश एवं प्रौद्योगिकी सहयोग के अवसर पैदा करने में सक्षम बनाता है, साथ ही ऐसे समझौतों से बचने में भी मदद करता है जो भारत की कीमत पर दूसरे पक्ष को अत्यधिक लाभ पहुंचा सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 700 अरब डॉलर के मजबूत स्तर पर बना हुआ है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि हर लिहाज से, भारत के लोग, व्यवसाय और उद्योग मिलकर एक नई गतिशीलता, उत्साह और आत्मविश्वास का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कुछ साल पहले देखने को नहीं मिलता था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज दुनिया भारत को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार और काम करने के लिए एक भरोसेमंद देश के रूप में देखती है।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपने सतत विकास लक्ष्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उसने पहले ही 250 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली है, जो देश के ट्रांसमिशन ग्रिड का 50 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि 2030 तक, भारत 500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा क्षमता हासिल कर लेगा, जिससे यह डेटा केंद्रों और स्वच्छ ऊर्जा निवेश के लिए सर्वोत्तम गंतव्यों में से एक बन जाएगा।









