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2025-03-25 02:42:24 pm | Source: आईएएनएस
दिल्ली के बजट में कुल व्यय 31.5 प्रतिशत बढ़ा, पूंजीगत व्यय दोगुना होकर 28,000 करोड़ रुपये हुआ
दिल्ली के बजट में कुल व्यय 31.5 प्रतिशत बढ़ा, पूंजीगत व्यय दोगुना होकर 28,000 करोड़ रुपये हुआ

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा पेश किए गए अब तक के सबसे बड़े बजट में कुल व्यय में 31.5 प्रतिशत की भारी वृद्धि की है। इसी के साथ राज्य सरकार का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) दोगुना होकर 28,000 करोड़ रुपये हो गया है।

 

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "इस बार 2025-26 के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक बजट पेश किया जा रहा है, जो पिछले बजट से 31.5 प्रतिशत अधिक है। यह एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक बजट है।"

दिल्ली सरकार के बजट में गरीबों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जो कि एक स्वास्थ्य योजना है, के लिए 2,144 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भाजपा के चुनावी घोषणापत्र के हिस्से के रूप में, बजट में 'महिला सम्मान योजना' के लिए पात्र महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह देने के लिए 5,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बजट में दिल्ली-एनसीआर में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

गरीबों के उत्थान के उद्देश्य से, झुग्गी बस्तियों में विकास के लिए 696 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

इसके अलावा, राष्ट्रीय राजधानी में 100 अटल कैंटीन स्थापित करने के लिए वित्त वर्ष 2026 में 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बजट में दिल्ली में 50,000 सीसीटीवी कैमरे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने सदन में 'मोदी-मोदी' के नारों के बीच दिल्ली का बजट पेश किया।

उन्होंने कहा कि यह बजट न केवल सरकार की वित्तीय सेहत से जुड़ा है, बल्कि दिल्ली के लोगों के सपनों और आकांक्षाओं को लेकर भी अहम है।

उन्होंने सड़कों की मरम्मत न होने, ड्रेनेज सिस्टम और प्रदूषण का उदाहरण देते हुए पिछली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 10 वर्षों में दिल्ली विकास के हर पहलू में पिछड़ती चली गई।"

उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार और अक्षमता के दिन अब खत्म हो गए हैं। पिछली सरकार दिल्ली की अर्थव्यवस्था के लिए दीमक की तरह रही। दिल्ली जल बोर्ड, डीटीसी और कई दूसरे सरकारी संस्थान घाटे में चल रहे हैं।"

सीएम रेखा गुप्ता ने स्थिति को नई सरकार के लिए चुनौती बताया।
 

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