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2025-08-18 04:52:01 pm | Source: IANS
भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड्स ने वित्त वर्ष 25 में निवेश किए 8,426 करोड़ रुपए
भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड्स ने वित्त वर्ष 25 में निवेश किए 8,426 करोड़ रुपए

भारत में लंबी अवधि के नजरिए से विदेशी निवेशक लगातार निवेश कर रहे हैं और वित्त वर्ष 25 में भी यही क्रम जारी रहा है। सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि देश में सॉवरेन वेल्थ फंड्स (एसडब्ल्यूएफ) ने पिछले वित्त वर्ष में 8,426 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है।  

सॉवरेन वेल्थ फंड्स का निवेश बढ़ाना, देश की अर्थव्यवस्था में निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दिखाता है। 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 24 में इन फंड्स ने 47,604 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह आंकड़ा 15,446 करोड़ रुपए का रहा था।

वहीं, वित्त वर्ष 22 में इन फंड्स ने शुद्ध रूप से 3,825 करोड़ रुपए की निकासी की थी। 

पिछले कुछ वर्षों में ग्लोबल सॉवरेन और पेंशन फंडों ने भारतीय बाजार में निरंतर रुचि दिखाई है, जो इसे सबसे आशाजनक उभरते बाजारों में से एक के रूप में रेखांकित करता है।

सेक्टरोल आधार पर वित्तीय सेवाओं ने वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 25 के बीच सबसे अधिक 28,562 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया, इसके बाद आईटी ने 19,135 करोड़ रुपए, हेल्थकेयर ने 7,830 करोड़ रुपए और दूरसंचार ने 7,053 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है।

यह सेक्टर टेक्नोलॉजी, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और हेल्थकेयर इनोवेशन में भारत की मजबूती को दर्शाते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का स्थिर निवेश महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लंबे समय तक रुकने वाला निवेश होता है जो भारत की ग्रोथ स्टोरी को सपोर्ट करता है।

सरकार द्वारा सुधारों, इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और डिजिटल विस्तार पर जोर दिए जाने के कारण आने वाले वर्षों में भारत ग्लोबल फंड्स के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना रहने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री ने आगे बताया कि एसडब्ल्यूएफ और पेंशन फंडों से एफडीआई प्रवाह पर अलग से नजर नहीं रखी जाती है, लेकिन उनके पोर्टफोलियो निवेश की क्षेत्रवार निगरानी की जाती है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने दीर्घकालिक विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कर छूट, नियामकीय रियायतें और एफडीआई नियमों को आसान बनाया है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "वर्तमान में देश में 95 प्रतिशत से अधिक एफडीआई ऑटोमेटिक रूट से आती है, साथ ही केंद्रीय बजट 2025 में बीमा में एफडीआई सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है।"

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