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2025-03-25 10:11:05 am | Source: आईएएनएस
दालों में आत्मनिर्भर बन रहा भारत, एनडीए सरकार में आयात के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा निर्यात
दालों में आत्मनिर्भर बन रहा भारत, एनडीए सरकार में आयात के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा निर्यात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर विजन' के तहत भारत दालों में तेजी से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। बीते 10 वर्षों में देश में दालों का निर्यात, आयात की अपेक्षा तेजी से बढ़ा है। 

 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, ''भारत का दालों का निर्यात वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 4,437 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पूरे वित्त वर्ष 15 में यह 1,218 करोड़ रुपये था। इस तरह, बीते 10 वर्षों में भारत का दाल निर्यात 264.29 प्रतिशत बढ़ा है।''

दूसरी तरफ, इस दौरान आयात में 86.45 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। देश में वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 31,814 करोड़ रुपये की दालों का आयात किया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 15 में यह आंकड़ा 17,063 करोड़ रुपये था।

वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के शासनकाल के 10 वर्षों में दालों के निर्यात में 187.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी और आयात में 457.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।

वित्त वर्ष 14 में भारत ने 1,749 करोड़ रुपये की दालों का निर्यात किया था। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 05 में 608 करोड़ रुपये था।

यूपीए के शासन में वित्त वर्ष 14 में भारत ने 11,037 करोड़ रुपये की दालों का आयात किया था। वहीं, वित्त वर्ष 05 में यह आंकड़ा 1,981 करोड़ रुपये पर था।

भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। दालों के किसानों को एनडीए सरकार 93,544 करोड़ रुपये की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान कर चुकी है, जबकि यूपीए सरकार ने अपने शासनकाल में दालों के किसानों को केवल 1,936 करोड़ रुपये की एमएसपी का भुगतान किया था।

केंद्र सरकार दालों में आत्मनिर्भरता को लेकर लगातार काम कर रही है।

केंद्र सरकार द्वारा बजट 2025-26 में ऐलान किया गया था कि देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से 2028-29 तक चार साल के लिए तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद की जाएगी।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तुअर (अरहर), मसूर और उड़द की खरीद को क्रमश: 13.22 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी), 9.40 एलएमटी और 1.35 एलएमटी की सीमा तक मंजूरी दी है।

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