केंद्र ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देते हुए कोयला आयातकों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस को किया रिवाइज

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रमोट करने और आयात निगरानी प्लेटफार्मों में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए कोयला मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कोल इंपोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम (सीआईएमएस) पोर्टल की फीस को रिवाइज कर इसे तर्कसंगत बनाया गया है।
रजिस्ट्रेशन फीस को 500 रुपए प्रति खेप की समान दर पर रिवाइज कर दिया गया है, जो 15 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा।
कोयला मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह नया फीस स्ट्रक्चर पुरानी व्यवस्था को बदल देता है, जिसमें प्रति खेप 500 रुपए से 1,00,000 रुपए तक शुल्क लगता था। सीआईएमएस अब दूसरे आयात निगरानी प्रणालियों जैसे स्टील आयात निगरानी प्रणाली (एसआईएमएस), गैर-लौह आयात निगरानी प्रणाली (एनएफआईएमएस) और पेपर आयात निगरानी प्रणाली (पीआईएमएस) के अनुरूप हो गया है, जो सभी एक समान शुल्क मॉडल पर काम करते हैं।
यह पहल कोल इंपोर्ट सब्सिट्यूशन में रियल टाइम निगरानी और सूचित निर्णय लेने को सक्षम कर 'आत्मनिर्भर भारत' सुनिश्चित करती है।
सीआईएमएस एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे कोयला आयात की रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित करने, प्रभावी नीति निर्माण और क्षेत्रीय विश्लेषण के लिए समय पर और सटीक डेटा सुनिश्चित करने के लिए डेवलप किया गया है।
कोयला आयातकों को अब भारत में बंदरगाह पर शिपमेंट के आने या उससे पहले ही सीआईएमएस पोर्टल में अपने खेप की डिटेल्स रजिस्टर करनी जरूरी हैं।
कोयला आयात निगरानी में पारदर्शिता और दक्षता को मजबूत करने के लिए आयातकों को सीआईएमएस पोर्टल से एक ऑटो रजिस्ट्रेशन नंबर पाना जरूरी है, जिसे सीमा शुल्क निकासी के समय बिल ऑफ एंट्री में इस्तेमाल किया जाता है।
मंत्रालय ने कहा कि वह भारत की बढ़ती औद्योगिक और ऊर्जा जरूरतों का समर्थन करने के लिए व्यापार को सुविधाजनक बनाने, पारदर्शिता बढ़ाने और नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वित्त वर्ष 2025 में कोयला उत्पादन बढ़कर 190.95 मिलियन टन (एमटी) हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष के 147.11 एमटी से 29.79 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्शाता है।
कोयला प्रेषण में भी असाधारण वृद्धि देखी गई, जो 190.42 एमटी तक पहुंच गई, जो वित्त वर्ष 2023-24 में दर्ज 142.79 एमटी से 33.36 प्रतिशत अधिक है।



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