इथेनॉल मिश्रण के कारण एक भी इंजन फेल या ब्रेकडाउन नहीं हुआ : हरदीप पुरी

पिछले 10 महीनों में इथेनॉल 20 (ई20) के आधार ईंधन बनने के बाद से इंजन में खराबी या ब्रेकडाउन का एक भी मामला सामने नहीं आया है। यह जानकारी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी की ओर से दी गई।
ब्राजील का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि वहां वर्षों से बिना किसी समस्या के ई27 ईंधन का इस्तेमाल हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ लॉबी अपने स्वार्थ के कारण भारत की इथेनॉल क्रांति को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इन प्रयासों में वे सफल नहीं होंगे।
राष्ट्रीय राजधानी में हुए 'पायनियर बायोफ्यूल्स 360 समिट' के साइडलाइन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ई20 की तरफ परिवर्तन नीतिगत समर्थन, इंडस्ट्री के सहयोग और जनता की स्वीकार्यता से काफी मजबूती से चल रहा है और अब पीछे जाने का कोई रास्ता ही नहीं है।
ई20 ईंधन के लाभों के बारे में विस्तार से बताते हुए, पुरी ने कहा कि इससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है, वायु गुणवत्ता में सुधार होता है, इंजन का प्रदर्शन बेहतर होता है और इससे पहले ही 1.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि पानीपत और नुमालीगढ़ में 2जी इथेनॉल रिफाइनरियां पराली और बांस जैसे कृषि अवशेषों को इथेनॉल में परिवर्तित कर रही हैं, जो स्वच्छ ईंधन, प्रदूषण नियंत्रण और किसानों की आय के लिए एक लाभकारी समाधान प्रदान करता है।
उन्होंने मक्का आधारित इथेनॉल की प्रगति के बार में भी जानकारी दी, जो 2021-22 में 0 प्रतिशत से बढ़कर इस वर्ष 42 प्रतिशत हो गया है और इसे एक परिवर्तनकारी बदलाव बताया।
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम की सफलता पर एक प्रश्न के उत्तर में, मंत्री ने बताया कि इथेनॉल मिश्रण को 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार ग्रहण के बाद से तेज गति मिली।
2014 में, इथेनॉल मिश्रण केवल 1.53 प्रतिशत था। 2022 तक, भारत ने निर्धारित समय से पांच महीने पहले ही 10 प्रतिशत मिश्रण प्राप्त कर लिया।
इस तेज रफ्तार के कारण 2030 तक 20 प्रतिशत मिश्रण (ई20) प्राप्ति का मूल लक्ष्य 2025 कर दिया गया था और वर्तमान इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) में ही इसे प्राप्त कर लिया गया है।
मंत्री ने कहा कि यह सफलता इथेनॉल के लिए गारंटीकृत मूल्य निर्धारण, कई फीडस्टॉक्स की अनुमति और देश भर में डिस्टिलेशन क्षमता का तेजी से विस्तार जैसे निरंतर नीतिगत सुधारों के माध्यम से संभव हुई है।
फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों (एफएफवी) के मुद्दे पर, पुरी ने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग पहले ही अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है। भारतीय ओईएम ने ई85 वाहनों के प्रोटोटाइप तैयार करना शुरू कर दिया है।









